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और कोशी ने जीत लिया मैदान


कोशी ने अपने कॉलेज का नाम रोशन कर दिया. वह क्रिएटिव है, अपनी दीदी तोषी की तरह. यूं उसके कैरियर -विचार की यात्रा मिस यूनिवर्स से शुरु हुई थी. तब देश की दो सुन्दरियों- ऐश्वर्या राय और सुष्मिता सेन मिस यूनिवर्स और मिस वर्ल्ड का खिताब जीत कर दुनिया भर में तहलका मचा रही थीं. कोशी उस समय दो- तीन साल की थी. मगर पूछने पर कि तुम बडी हो कर क्या बनोगी, उसने कहना शुरु कर दिया था- "मिस वर्ल्ड" शायद तब उसे मिस यूनिवर्स कहना नहीं आता होगा. उसके बाद जब उसने स्कूल जाना शुरु किया तो कहने लगे कि बडी हो कर वह टीचर बनेगी. अब वह काफी दिनों से फैशन डिज़ाइनर के कैरियर पर सवार है.

पिछले साल आईआईटी के सालाना महोत्सव "मूड इंडिगो" में उसने अपनी ड्रेस डिज़ाइन करके भेजी थी, जो चुनी गई थी. इस साल सेंट ज़ेवियर्स कॉलेज के सालाना महोत्सव "मल्हार" में उसने "प्रोजेक्ट ब्रॉडवे" में हिस्सा लिया, जिसमेँ ड्रेस डिजाइन करके, उसे मॉडल को पहना कर फोटो लेनी थी और 5 फोटो जमा करने थे. यह फैशन स्टाइलिंग् और फैशन फोटोग्राफी थी. 3 प्रतिभागियों का ग्रुप था, जिसमें एक को ड्रेस डिज़ाइन करना था, एक को मॉडल बनना था और एक को फोटो खींचनी थी. इसके लिए 5 घंटे का समय निर्धारित था, जिसमें एक घंटा वर्कशॉप के लिए तय था.

कोशी ने अपने कॉलेज मिठीबाई का प्रतिनिधित्व किया. इनलोगों ने ड्रेस डिजाइन से लेकर फोटोग्राफी और मॉडलिंग पर बहुत मेहनत की. मॉडलिंग का काम कोशी को करना पडा. आखिर उन सबकी मेहनत् रंग लाई और "प्रोजेक्ट ब्रॉडवे" में उसकी टीम को पहला पुरस्कार मिला. बच्चों के लिए और मुँबईकर के लिए सेंट ज़ेवियर्स कॉलेज के सालाना महोत्सव "मल्हार" का अपना खास स्थान है. यहां के सभी इवेंट बडे कठिन होते हैं और इनमें कुछ कर सकनेवाला बच्चा सचमुच "कुछ कर सके" के एहसास से भर उठता है. कोशी और उसकी दोस्तों की यह उपलब्धि उसके साथ-साथ उसके कॉलेज के लिए भी गौरव की बात है, क्योंकि सेंट ज़ेवियर्स कॉलेज के सालाना महोत्सव "मल्हार" में मुंबई के उप नगरीय इलाकों के कॉलेजों का आना ही अपने-आप में गर्व का विषय है, और वह भी प्रथम पुरस्कार के साथ.