तोषी (विधा सौम्या) बडी हो गई है, मगर हमारे लिए अभी भी वही छोटी सी, गोल चेहरे वाली लडकी है. दिन दिन करते करते वह इतनी बडी हो गई है, उम्र से ही नहीं, काम और अनुभव से भी. मुझे खुशी है कि वह 'सेल्फ मेड' है. अपने और अपने कैरियर को उसने बखूबी संभाला है और संभाल रही है. उसके काम में गजब किस्म की सम्वेदनशीलता है. आम तौर पर जिसपर किसी का ध्यान नहीं जाता, उसका जाता है और उसे वह अपने काम का विषय बनाती है. लाहौर में उसने अपनी महरी और लाहौरी बच्चों पर काम किया और वहां भी अपने बोल्ड और स्पष्ट विचार अपने चित्रों के माध्यम से रखे. बाहर की प्रेस और मीडिया में अपना स्थान बना चुकी तोषी भारत में टाइम्स ऑफ इंडिया से लेकर अन्य कई पत्र-पत्रिकाओं में आ चुकी है. उस पर उसके दादा श्री सुखदेव नारायण ने एक किताब ही लिख डाली- "दादा के पत्र:पोती के नाम".
तोषी अत्यंत सम्वेदनशील है. और अपने काम के प्रति उतनी ही गम्भीर और ईमानदार. उसके काम की गम्भीरता उसके "स्थूल स्त्री" सीरीज में लक्षित है. आमतौर पर स्थूल कायावाले लोग उपहास या मजाक के पात्र मान लिए जाते हैं. हमारी फिल्में, टीवी आदि भी किसी स्थूलकाय व्यक्ति को कॉमेडियन ही मानते हैं. कोई नहीं सोचना चाहता कि उसके मन में भी उसकी एक दुनिया विचरती होगी, जहां तरह तरह के भावों, कामनाओं, इच्छाओं के आलोडन होते होंगे, किसी भी एक दुबले पतले (तथाकथित स्मार्ट) लोगों की तरह वह भी भावनाओं के झूले पर झूलना चाहते होंगे. स्थूलकाय लोगों के मन को पकडा है तोषी ने और अपने स्केच से उसे साकार किया है. उसके स्केच से प्रेरित हो कर वोग ने एक सीरीज निकाला और एक कलाकार के भाव और उसकी कला को ज्वेलरी के साथ समंवित करने की सम्भावना पर काम किया. तोषी के स्थूल महिला सीरीज के स्केच को थिएटर कलाकार फातिमा मेहता को वास्तविक मॉडल का जामा पहनाया गया है और उसके साथ क्वीनी सिन्ह की ज्वेलरी का कोलैबोरेशन किया गया है. आप भी देखें. यहां पर. विस्तार से देखने के लिए देखें Vogue का जुलाई 2011 का अंक.
तोषी अत्यंत सम्वेदनशील है. और अपने काम के प्रति उतनी ही गम्भीर और ईमानदार. उसके काम की गम्भीरता उसके "स्थूल स्त्री" सीरीज में लक्षित है. आमतौर पर स्थूल कायावाले लोग उपहास या मजाक के पात्र मान लिए जाते हैं. हमारी फिल्में, टीवी आदि भी किसी स्थूलकाय व्यक्ति को कॉमेडियन ही मानते हैं. कोई नहीं सोचना चाहता कि उसके मन में भी उसकी एक दुनिया विचरती होगी, जहां तरह तरह के भावों, कामनाओं, इच्छाओं के आलोडन होते होंगे, किसी भी एक दुबले पतले (तथाकथित स्मार्ट) लोगों की तरह वह भी भावनाओं के झूले पर झूलना चाहते होंगे. स्थूलकाय लोगों के मन को पकडा है तोषी ने और अपने स्केच से उसे साकार किया है. उसके स्केच से प्रेरित हो कर वोग ने एक सीरीज निकाला और एक कलाकार के भाव और उसकी कला को ज्वेलरी के साथ समंवित करने की सम्भावना पर काम किया. तोषी के स्थूल महिला सीरीज के स्केच को थिएटर कलाकार फातिमा मेहता को वास्तविक मॉडल का जामा पहनाया गया है और उसके साथ क्वीनी सिन्ह की ज्वेलरी का कोलैबोरेशन किया गया है. आप भी देखें. यहां पर. विस्तार से देखने के लिए देखें Vogue का जुलाई 2011 का अंक.
3 comments:
All the Best.
Mithilesh Aditya.
Bahoot Sundar.
Bahut khoob..
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