आज तोषी यानी विधा सौम्या के ड्राइंग्स की एकल प्रदर्शनी है- लाहौर में- "Song of the Sirens" शीर्षक से, शाम 7 बजे से गैलरी GREYNOISE, लाहौर में. वह अपने एग्जिबिशन के लिए वहीं है और रात-दिन काम कर रही है.
विधा 2008-09 में भी लाहौर में थी और वहां उसने अपने काम के बल पर बहुत ख्याति के साथ साथ असीमित प्यार, स्नेह व अपनापा पाया था, चाहे वे उसके हॉस्टल के गार्ड च्चा थे या ख़नसामा, या बस के ड्राइवर चचा या हॉस्टल में काम करनेवाली बाजी.
उसके काम में एक अलग तरह की डिटेल्स हैं जो बहुत मेहनत खोजती है. मैने उसे यहां रात-रात हर जग कर काम करते देखा है. तीन चार घंटे की नींद के बाद फिर से काम के लिए तैयार!
आज देश और बडे घराने और बडे बडे लोग "अमन की आशा" कर रहे हैं हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के बीच. विधा यह काम पिछले दो साल से करती आ रही है, अपने चित्रों, ड्राइंगों और प्रदर्शनियों के ज़रिये. पाकिस्तान के प्रति, वहां के लोगों के प्रति उसके मन में बहुत लगाव है और वह यह शिद्दत से मानती है कि आम आदमी बस अमन, मुहब्बत और अपनी एक चैन की ज़िन्दगी चाहता है, वह चाहे पाकिस्तान के लोग हों या हिन्दुस्तान के.
अभी वह अपने एग्जिबिशन में व्यस्त होगी. उसके बारे में लिखते हुए मुझे बेहद अच्छा लग रहा है और एक अलग से गगर्व का अहसास हो रहा है. अहसास इसलिये नहीं कि वह मेरी बेटी है, बल्कि इसलिये भी कि वह दोनों मुल्कों के बीच अमन के एक दूत के रूप में काम कर रही है. उसकी यह मेहनत ज़रूर रंग लाएगी. आमेन!
3 comments:
एक तरफ लाहौर के रिक्शेवाले का बयान और दूसरी तरफ मुंबई के रिक्शवाले की बात को लेकर तोषी कि जो किताब है उसे मैंने दिल्ली में देखा,बहुत प्रभावित हुआ। मैं उसे लेकर कुछ लिखना भी चाह रहा था,बाद में मोहल्ला पर इसकी चर्च देखी।
तोषी बहुत बेहतर कर रही है,मेरी तरफ से ढेर सारी शुभकामनाएं।.
Toshi ke liye aatmik Subhkaamnayen.
ॐ सर्व मंगल मांगल्ये
शिवे, सर्वार्थ साधिके !
शरण्ये त्रयम्बके गौरि
नारायणी नमोस्तु ते !
दोनों कर श्रद्धा से जोड़े, पुत्रि वन्दना करते गीत !
तोशी गरिमामयी रहेगी,आशीर्वाद भेजते गीत !
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