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मार्क्स अंकल मर गए हैं मम्मी?

नयना इतिहास पढ़ाती हैं। तिन्नी हर दिन उनकी किताब के किसी पन्ने तक पहुंच जाती है। पूछते रहती है कि ये क्या है, ये कौन है? नयना जवाब देती रहती है ये लेनिन है,ये गांधी हैं,ये मार्क्स हैं,ये हिटलर हैं,ये अकबर है। तिन्नी हैरान हो जाती है। फिर पूछती है कि ये सब अंकल लोग कहां हैं। नयना कहती है कि सब मर कर तारा बन गए हैं। तो तिन्नी का जवाब सुनने लायक है। कहती है मम्मी तुम क्या ऐसी किताब पढ़ती रहती हो जिसमे सारे अंकल लोग मर ही गए हैं। तिन्नी को एक बात और परेशान करती है कि मम्मी की किताब में सारी तस्वीरें अंकल लोगों की ही क्यों हैं। आंटी लोग कहां हैं।

5 comments:

aarya said...

रवीश जी !
बेटी का प्रश्न अगर उनतक पहुचे जिन्होंने भारत की पराजय का इतिहास लिखकर अभी भी मानसिक गुलामी में डाल रखा है, तो शायद कुछ हो नहीं तो माँ ने भी वही पढ़ा है तो बेचारी क्या जबाब देगी, नहीं तो इस देश के लिए हर भागीदारी में नारियां (आंटीयां) पुरुषों के समक्ष रहीं हैं.

शरद कोकास said...

बच्चों का सवाल जायज है .लेकिन उन्हे यह भी बताना ज़रूरी है कि यह इतिहास अंकल लोगों ने ही लिखा है और वह भी उन अंकल लोगो ने जिनके जीवन मे आंटी की कोई अहमियत नही है . ऐसा भी नही है कि जब ये अंकल आंटी बच्चे थे तब इन्होने यह सवाल नही पूछा हो .लेकिन इन्हे भी गलत इतिहास पढ़ाया गया इस लिये वे भी गलत ही पढ़ा रहे है . चलिये सही सवाल करने की शुरुआत तो हुई .

दिनेशराय द्विवेदी said...

ये मासूम सवाल हैं। लेकिन जब तिन्नी बड़ी होगी तो पता लगेगा कि दुनिया में सारा बवाल इन्हीं सवालों के कारण है।

अवाम said...

रविश जी, शरद जी का कहना जायज है कि इतिहास लिखने वाले अंकल लोगों की जिन्दगी में आंटियों की कोई अहमियत नहीं थी. ऐसा नहीं है कि आंटियां किसी से कम थी. दरअसल उन दिनों उन्हें ऐसी स्थितियां ही नहीं मिली कि वे कुछ कर सकें. उन स्थितियों को भी कुरेदने की जरुरत है कि ऐसी स्थितियां क्यों आई कि इतिहास लिखने वाली आंटियां नहीं हुयी.

एक बात और मुझे इस ब्लॉग में लिखना है मैं किससे संपर्क करूँ.

Dankiya said...

ravish ji..kamna hai tinni ke ye sawal..zehen ki galiyon mein youn hi ghoomte rahen..aur jawab ki talash shayad kisi badlav ka sabab bane.. apni ek kavita `Nani ki Bitiya,ki chand line betiyon ke liye..!!

`Titali ke peechhe jo bhagi..
ghar mein sabse pehle jagi..
jhadu,pochha,bartan,chulha..
wo meri Nani ki bitiya..
aaj bhi pau phat-te uth-ti hai...
chauke-chulhe mein jhukti hai..!!!
wo meri Nani ki bitiya..!!!