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मेरी बेटियों का कारनामा

मेरी इच्छा आज थोड़ी सी जग उठी और मैने सारे काम को दरकिनार कर के कुछ अपनी बेटियों के बारे में लिखने का निश्चय किया. मेरी दो बांह मेरी बेटियां अब बडी़ हो रही है. बड़ी बेटी तो सात साल की होने वाली है पर काफी बड़ी हो गई है आश्चर्यजनक रुप से. उसकी हरकत और मेरे और अपने पापा के प्रति केयरिंग नेचर देखने लायक होता है. श्रुति मेरी छह माह की बेटी का जब पाटी साफ करने में भी नहीं हिचकती. सुबह उठकर कहती हैं कि मिठी को देखकर कि अरे, मेरी बेटी उठ गई। बहुत प्यार करती है. दूसरे को गोद लेने नहीं देती अगर वह अपने घर का आदमी नहीं है तो.
एक दिन तो गजब ही हुआ कि मैं श्रुति को डाँट रही थी फिर मुझे लगा कि कहीं उसे यह ना लगे कि मुझे डांटती है और मिठी को नहीं डांटती तो मैने उसे भी कुछ कुछ बोलना शुरु किया. फिर देखना था कि उसने मिठी को गोद में उठा लिया और खूब रो रो कर कहने लगी मुझे डांटती हो तो कोई बात नहीं पर मिठी को डांटी ना तो मैं पापा से कह दुंगी...
मुझे बड़ा मजा आया और मैं बहुत खुश हुई और दुआ की कि ऐसे ही प्यार दोनो में सदा बना रहे तो ये दोनो की जिन्दगी मजे से एक दूसरे को सहारा देते हुए कट जाएगी.
मेरी श्रुति को पिछले दिनों 14 अगस्त के प्रोग्राम में डांस करना था। और उसकी तैयारी तो उसने कर ली थी पर साजो समान की तैयारी करने में हम दोनो को नानी दादी याद आ गई। उसके पापा आफिस का फस्ट हाफ छोडकर चुडियां खरीदने गए. मैं काफी बीमार थी इसलिए कुछ कर ना सकी. पर चुडियां ले कर साथ में और कई सामान ले कर आए तो मैं सोचने पर मजबूर हो गई कि बीते आठ सालों में शायद ही इन्होने मेरे लिए चुडियां खरीदी हो पर बेटी के लिए खरीदने के लिए आफिस को भी छोड़ दिया हो.
मेरी श्रुति के हिन्दी के शब्दकोश बहुत तगड़े हैं. अभी पोटी जाते वक्त मुझ से कह रही है कि मुझे तीन बार दस्त आ गए हैं. मैने दस्त शब्द सिफ्र सुना है बातचीत में कभी प्रयोग नहीं कर पाती. श्रति गाना गा रही थी तो शब्द आया -बाबुल- मैने सिफ्र जानने के लिए पुछा कि बाबुल का मतलब क्या होता हैं तो आश्चर्य में रह गई कि उसने ठीक बताया.
तो यह है हमारी बेटियां. हम उनके साथ जी रहें हैं और यह सोच रहें हैं यह हमारे उन सपनों को सच करेगी जिन्हें हम करना चाहते थे या हैं.

7 comments:

Anil Pusadkar said...

sach me achha lagta hai bachhon ko bade hote dekhna.meri bhatiji yuti bhi kuch-kuch waisi hi hai.wo bhi kabhi-kabhi badon si baat kar deti hai.nazr na lage kisiki aapke pyare-pyare pariwar ko

सुप्रतिम बनर्जी said...

मैंने इस बार फिर आपका पोस्ट पढ़ा। चूंकि मैं श्रुति को जानता हूं... मेरे लिए आपकी बातों का विजुअलाइजेशन ज्यादा आसान रहा। आप यूं ही लिखती रहिए...
सुप्रतिम।

masha said...

प्यार और एहसास का ये मिसाल आजकल कम ही दिखाई देती है। बचपन बड़प्पन में कहीं खो सा गया है।वक्त से ही पहले बच्चे बड़े हो रहे हैं। ऐसे में प्यार और केयर को समझना इनके लिए झंजट से कम नहीं लेकिन आज भी कहीं बचपन जिंदा है। जिस तरह का प्यार और केयर आपकी बेटी करती है वो एक बेटी ही कर सकती है...ये जज़्बा एहसास सदा बना रहे....

Vibha Rani said...

sahi kah rahi hain. meri toshi-koshy ke bhi yahi zajbe hain. koshy to apani didi ke khilaf kuchh sun hi nahi sakati. yaha tak ki agar vah kabhi der tak soi rahe to mere uthane par mujhse hi naraz ho jati hai. mera hath pakar kar mujhe kamre se bahar kar deti hai yah kahate hue ki sone do didi ko. yahi haal toshi ka hai. din bhar me n jane kitani chummiya vah usaki leti hai. bahut achchha lagata hai yah sab dekhakar.

हर्ष प्रसाद said...

zaraa nimn blog par jaakar dekhiye. kuchh karne ka dhang hotaa hai kucch dhong hotaa hai. zyaadaatar blogs par aur comments par dhong hee dikhaayee detaa hai.
http://la-ilaaj-harsha.blogspot.com/

गरिमा said...

मै समझ सकती हूँ श्रुति को, क्योंकि मेरी बहन और मुझमे ७ साल का अन्तर है... मेरी बहन महिमा, मेरी बहन कम बेटी ज्यादा है, और उससे भी ज्यादा मेरी दोस्त है... जब वो पैदा हुई थी, तब से लेकर आजतक, मुझे उसकी हर बात याद है... शायद हम दोनो के बीच जो ७ सात साल का अन्तर है वो काम कर गया... और हम अन्य घरो कि बेटियों कि जगह एक दुसरे के बहुत ज्यादा करीब हैं... ठीक वही रूप आपकी बेटियों मे दिख रहा है... भगवान दोनो के प्यार को बरकरार रखे... और मिठी भी बड़ी होकर अपने दीदी को वही प्यार और सम्मान दे, जो श्रुति की तरफ से मिल रहा है :)

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) said...

meri bhi do betiyaa hai 2.5 aur 7 saal ki....aapko padhta hua..jaise unhe dekhtaa hua hota hun... koi bhi chiz kab khud ke jivan se hi judi nazar aaye to vo khud-b-khud hi acchhi lagne lagti hai...