काम करते हैं लोग
लोग हर तरह के काम करते हैं
कुछ लोग एक साथ काम करते हैं
कुछ लोग अकेले काम करते हैं
कुछ लोग ऊंचाई पर चढ़ कर काम करते हैं
कुछ लोग काम करते हैं,जबकि दूसरे सोते हैं
कुछ लोग सोते हैं,जबकि दूसरे काम कर रहे होते हैं
कुछ लोग अपना काम पसंद करते हैं
कुछ लोग अपना काम पसंद नहीं करते हैं
कुछ लोग सिर्फ़ एक काम करते हैं
कुछ लोग एक से अधिक काम करते हैं
कुछ लोग काफी देर तक काम करते हैं
कुछ लोग थोड़े समय काम करते हैं
कुछ लोग अपने काम के ढेर सारे पैसे पाते हैं
कुछ लोग कम पैसे पाते हें
कुछ लोगों को काम नहीं मिलता
कुछ लोग काम करते हें,मगर पैसे नहीं पाते
सारी दुनिया में लोग काम करते हैं.
2 comments:
गज़ब की कविता है. सभी के पढ़नेलायक यह कविता है. काम की विवेचना हर तरह से सटीक है. हमारे पास भी हर वक्त इस तरह के ही काम आते जाते रहते हैं. कभी काम नहीं मिलने का दर्द तो कभी अधिक काम से ग्रसित हम हर वक्त काम को भला बुरा कहते हैं. काम का पारितोषिक कम और अधिक भी काम के दर्द से अछुता नहीं है. हर तरफ दर्द ही है काम को लेकर.
लाजवाब कविता है.
बहुत अच्छी कविता लगी..काम तो सब करते ही हैं कुछ ज़्यादा कुछ कम,कुछ है कि कम काम करके ज़्यादा कमाते हैं तो कुछ हैं कि काम ज़्यादा करके भी कम कमाते है...कोषी को जन्मदिन की ढेर सारी बधाईयाँ पहुँचा दीजियेगा।
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