कोशी और तोषी दोनों के अपने ब्लॉग्स हैं। दोनों ने कविताएं लिखी हैं।
एक दिन कोशी स्कूल से आयी तो बहुत खुश थी। अमूमन मुम्बई में स्कूलों से घर लौटे बच्चे ट्रैफिक और भूख से इतने निढाल होते हैं कि चिढे रहते हैं। उस दोपहर उसने बताया कि आज क्लास में उसने दोस्तों के साथ मिल कर एक कविता लिखी है। अब सभी का इरादा है हमलोग अपना एक ब्लॉग शुरू करें। इस ब्लॉग में हम सभी मिल कर या अलग-अलग कविताएं लिखेंगे। उसने इसे जलपरियों की कविताएं शीर्षक दिया और ब्लॉग का नाम http://paripoems.blogspot.com/ रखा। अनोखी कविताएं इस अर्थ में हैं कि मिल कर लिखी गयी हैं। उन्होंने स्वतंत्र रूप से भी अपनी कविताएं डाली हैं। किसी ने अपना नाम नहीं लिखा है। उनके नंबर हैं। जलपरी- 1, 2, 3...
तोषी बड़ी है और जे जे स्कूल ऑफ़ आर्टस से स्नातक है और आजकल लाहौर में है। वह 270 दिनों के लिए लाहौर गयी है। उसका इरादा था कि वह नियमित रूप से ब्लॉग लिखेगी, लेकिन चंद पोस्ट के बाद वह अपने काम और लाहौर में रम गयी। बुरा नहीं है, क्योंकि वह पड़ोसी देश को करीब से निहार रही है। मुझे पूरा यक़ीन है कि वहां से लौटने के बाद वह अधिक समृद्ध हो जाएगी। सोच और काम के स्तर पर। उसने भी कुछ कविताएं लिखी हैं। वह अंग्रेजी में लिखती है। अगर आप उसका ब्लॉग पढें तो पाएंगे कि रंगों का इतना सुन्दर इस्तेमाल कविताओं में किया गया है। रंगों का व्यक्तित्व दिखेगा। उसके ब्लॉग का पता है- http://vidhainpakistan.blogspot.com/
मुझे बेटियों की तारीफ करने में बहुत आनंद आता है और उनकी शिक़ायत करना भी बुरा नहीं लगता।
2 comments:
बेटियों का ब्लॉग वाकई एक शानदार प्रयास है, बधाई हो इसके पाठक और इससे जुड़े हर एक शख्स को
अच्छा है बेटियाँ अपना ब्लॉग भी बना रही हैं,अच्छा लग रहा है,धीरे धीरे बेटियों की प्रतिभा भी सामने दीख रही है.. एक बेहतर प्रयास । शुक्रिया
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