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बाबा तुम बांग्ला बोलो तो

सहारनपुर से लौटा तो तिन्नी ने तुंरत सब कुछ बताना शुरू कर दिया। कौन कौन आया था और किसने क्या कहा। अचानक बोल उठी, बाबा तुमी जानो बाड़ी ते चॉप बनानो होए छे। बस मुझे जवाब देना था। बोला कि किसने बनाया। तिन्नी गुस्सा गयी। बोली कि बाबा तुम मेरे साथ बांग्ला बोलो तो। मैंने कहा मुश्किल है। तिन्नी ने कहा बेश आशान है। चलो मैं सीखाती हूं। जब मैं बोलूंगी कि बाड़ी ते चॉप बनानो होए छे। तो तुम बोलोगे- के बानिये छे। फिर मैं बोलूंगी- नानी बानिये छे। चार साल की बेटी ने एक मिनट में रैपिडेक्स की तरह बांग्ला के दो वाक्य सिखा दिये। तिन्नी कहने लगी बाबा तुमी आमार शंगे बांग्ला बोलो। भाल लागबे।

9 comments:

अनामदास said...

की दारून ब्योपार, खूब भालो लागलो...प्रैक्टिस छाड़बेन न...तिन्नी को ढेर सारा प्यार

debashish said...

एतो भालो बांग्ला तो आमीओ बोलते पारी ना :)

azdak said...

भाल की लागबे.. भाला लागबे?

Priyankar said...

एखन मेये शेखाबे तोमाके बांग्ला . आर सीखतेइ हौबे . भालो भाबे प्रैक्टिस कोरबेन .

काकेश said...

ठीक आछे रोबीश बाबू.. भालो कोरे सीखबेन.

Sanjeet Tripathi said...

बिटिया रानी बड़ी सयानी!!

Batangad said...

बाप रे बंगाली!

विजयशंकर चतुर्वेदी said...

चलिए, बिटिया रानी आपको बांग्ला सिखायेगी और यहाँ हम आपसे सीखते जायेंगे. देखा, एक वह सिखा रही है और ज़माना सीख रहा है! लेकिन शर्त्त ये है कि जिस तरह तिन्नी बिटिया बोलती है, वैसे ही लिखिए. अपनी वाली बांग्ला लिखेंगे तो हम भी ग़लत-सलत सीख जायेंगे.

श्रेयार्चन said...

aamake