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कोशी और तोषी

ये नाम मेरी बेटियों के हैं।

फ़िलहाल इतनी ही जानकारी कि बड़ी बेटी तोषी मुझे आप कह कर संबोधित करती है और छोटी हमेशा तुम कहती है.क्यों?मुझे नहीं मालूम और न मैंने जानने-समझने की कोशिश की.आप कहा जाऊं या तुम?दोनों ही बेहद प्यारी,समझदार और अपनी उम्र से ज्यादा अनुभवी हो गयी हैं।

बड़ी बेटी तोषी फ़िलहाल पाकिस्तान में है.लाहौर में रह कर वह अध्ययन कर रही है.छोटी मेरे साथ है.उसकी १०वी की परीक्षा शुरू होने वाली है।

आज इतना ही.

4 comments:

ghughutibasuti said...

आपकी बेटियों के लिये शुभकामनाएँ ।
घुघूती बासूती

Yunus Khan said...

ये तो अच्‍छी शुरूआत है । हेडर भी शानदार है । बस थोड़ा स्‍क्रीन से बाहर जा रहा है ।

mamta said...

कोशी को उसकी परीक्षा के लिए शुभकामनाएं।

विजयशंकर चतुर्वेदी said...

बरसों पहले जब मैं कांदिवली वाले घर आया था तब कितनी छोटी-छोटी-सी थीं. एक कविता में मैंने लिखा था- 'बांस की तरह बढ़ती हैं बेटियाँ.'

मेरी तरफ से तोषी और कोशी को अध्ययन के क्षेत्र में ढेरों शुभकामनाएं!