बी मूवी एक एनीमेशन फ़िल्म है.कोशी की छुट्टियाँ चल रही हैं.विमल भाई वह भी पंचमी की तरह बोर हो रही हूँ का पहाड़ा पढ़ती रहती है.बहरहाल एक दोस्त से मैं बी मूवी फ़िल्म लेकर आया और उसे देखने के लिए दिया.इस फ़िल्म की शुरूआत में बताया जाता है कि उड़ान के नियमों के मुताबिक मधुमक्खी उड़ नहीं सकती.उसे डैने छोटे होते है और उसके अनुपात में उसका शरीर भारी होता है.उसका उड़ पाना असंभव है.लेकिन मधुमक्खी इस बात की परवाह नहीं करती कि इंसान उसके बारे में क्या सोचते हैं?वह मजे से उड़ती है और अपने सारे काम करती है.पेड़ और जंगल कट रहे हैं तो क्या.वह ऊंची इमारतों के छत्ते के नीचे अपना छत्ता लगा देती है.ठीक ऐसी जगह कि आप मधु न निकाल सकें।
बहरहाल यह फ़िल्म मधुमक्खियों के बारे में है.बैरी बी बेंसन अभी-अभी स्नातक हुआ है.उसे बताया जाता है कि अब वह शहद बनाने के काम के योग्य हो चुका है.बैरी सोचता है कि ज़िंदगी भर शहद बनाने में कितनी बोरियत होगी.वह मधुमक्खियों की दुनिया से बाहर निकलता है और इंसानों की दुनिया में आ जाता है.उसे यह अजीबोगरीब दुनिया विचित्र लगती है,जहाँ हर इंसान उसे मारने के लिए तैयार है.वह भागता फिरता है.एक घर में वनेस्सा उसकी जान बचाती है. दोनों की दोस्ती होती है.शहर में घुमते हुए बैरी देखता है कि इंसान उसकी प्रजाति की मेहनत का व्यवसाय कर रहे हैं.अलग-अलग किस्म के पैकेज बना कर शहद का कारोबार करता है.बैरी तय करता है कि वह इंसान की इस चोरी और सीन्जोरी के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएगा.वह इंसान के ख़िलाफ़ मुक़दमा कर देता है.लम्बी बहस चलती है.मधुमक्खी के वकील अपने तर्क देते हैं।
आखिरकार जज मधुमक्खियों के पक्ष में फैसला देते है और इंसानों से कहा जाता है कि वे शहद वापस करें।
यह फ़िल्म बेहद रोचक है.मौका मिला तो आप सभी अपनी बेटियों के साथ इसे देखें.हाँ,प्लीज बेटों को भी साथ में बैठने दें.
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