मैं वहाँ गया; जो पता पिछली पोस्ट में दिया था.
चौंक पूरे गए थे. जगह-जगह बंदनवार बंधे थे. बेटी का जन्मदिन था. ज़्यादा तफसील में जाने की जरूरत मैं नहीं समझता. बस इतना ही कि उद्दी को ग्रामीण क्षेत्र में हिन्दी माध्यम से भी पढ़ते हुए आठवीं कक्षा में ९० प्रतिशत अंक मिले हैं. यह सारे सर्वेक्षणों से कहीं अधिक है.... और मध्य प्रदेश में आठवीं अब बोर्ड नहीं रहा इसलिए इसे उदारता न समझा जाए. वह पांचवीं में ९५ प्रतिशत अंकों से पास हुई थी जो कि बोर्ड था.
माफ़ कीजियेगा, बेटी की बात है इसलिए गर्व हुआ।
आते-आते बेटी से मैंने पूछा कि तुम्हें क्या चाहिए? बेटी ने कहा कि पिछली बार उसे जो साइकल दिलाई थी वह नाकाफी है, अब उसे मोटरसाइकल चाहिए। बाप तो कभी बैठा नहीं, अब मैं उसे मोटरसाइकल दिलाने के जुगाड़ में भिड़ा हुआ हूँ.
8 comments:
बड़ी बधाई - बिटिया की मांग वाज़िब है - नब्बे फीसदी की मेहनत ईनाम तो मांगती है
अरे रिवाहाँ, भावना समझै का धनवाद!
शौक होना और ज़माने से होड़ करना और बात है, पर कम से कम अट्ठारह की उम्र पूरी होने का इंतज़ार कर लेना चाहिए. किसी भी दुर्घटना की स्थिति में सवाल आप पर ही उठेंगे................ और फ़िर कल शायद यही पैसा उसकी उच्च शिक्षा में काम आए
अरे वाह,
बिटिया ने तो कमाल कर दिया | हमारी तरफ़ से बिटिया और आपको दोनों को शुभकामनाएं |
सही है, महाराज. बच्चों के आगे ही तो हारे हैं हम सब. बिटिया रानी को जन्म दिन की बधाई और आपको भी. बिटिया होनहार है, बहुत तरक्की करेगी. दिलाईये जी मोटर साईकिल, हम तो बिटिया की तरफ हैं. :)
बहुत बधाई.
जे बात ।
मोटरसायकिल तो देनी ही पड़ेगी । वो भी पांच गियर वाली । और हां हम आपके नहीं आपकी बिटिया के साथ हैं । जनम से बाईकी ही हैं । बाईक के दीवाने । संसार का सबसे अच्छा वाहन है । अगर बिटिया को मोटरसायकिल सिखाने का मौका आया तो हम हाजिर हो जायेंगे ।
दुनिया की सारी बेटियों मोटरसायकिल की मांग करो ।
हम तुम्हारे साथ हैं ।
:D
बिटिया को ढेर सारा प्यार देने के लिए आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद!
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