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नए साल का गीत

यह है तोषी की तुकबंदी। उसने भाव व्यक्त किये और भालू, कोयल, गदहा और बिल्ली की इच्छाएं जाहिर कीं। थोडी मरम्मत की गयी और तुकबंदी हो गयी।
नए साल में भालू बोला
मैं तो बाल कटाऊं

नए साल में कोयल बोली
मैं तो पंख रंगाऊं

नए साल में गदहा बोला
मैं फिल्मों में गाऊं

बिल्ली को कुछ न सूझा तो
बोली म्याऊं म्याऊं

2 comments:

Anonymous said...

तोषी की अति सुन्दर रचना पर बधाई ।

अमिताभ मीत said...

वाह तोषी ! वाह ! मज़ा आ गया. ख़ूब ख़ुश रहो.